Sunday, March 11, 2007

रात रहने दो

किसने बता
देखी सुबह
रात रहने दो
आज रहने दो

फूलों पे वो
शबनम जड़ा
ताज रहने दो
आज रहने दो

ख़ामोशियाँ
ये कह रही
साज रहने दो
आज रहने दो

सच की जुबाँ
कड़वी न हो
स्वाद रहने दो
आज रहने दो

मूँद लो पलक
नजर कह न दे
राज रहने दो
आज रहने दो

बात चल पड़ी
बन ही जायेगी
बात रहने दो
आज रहने दो

सोए रहो
खोए रहो
रात है हसीं
रात रहने दो

किसने बता
देखी सुबह
रात रहने दो
आज रहने दो

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