आ पास आ
तू इक कदम आगे बढ़ा उस राह पर
जिसमें बन्धन नहीं है चाह पर
नजदीकियों के दायरों को मिटा
आ तू पास आ
आ पास आ
अहसास की आँधी उठा
कि खुल सकें दिल के झरोखे
काँप जाये रूह परदे की तरह
खुशबू हमारे प्यार की
सांसों में भर जाये
भरे खुमार सा दिल में
जरा धड़कन ठहर जाये
आ पास आकर लगा दे
तपती अगन इक चाह की
सब जला दे
परवाह सारी भुला दे
आ इश्क को गवाह कर
आ फिर मुझे तबाह कर
गुमराह कर
आ पास आ
© Kamlesh Pandey 'शजर'
तू इक कदम आगे बढ़ा उस राह पर
जिसमें बन्धन नहीं है चाह पर
नजदीकियों के दायरों को मिटा
आ तू पास आ
आ पास आ
अहसास की आँधी उठा
कि खुल सकें दिल के झरोखे
काँप जाये रूह परदे की तरह
खुशबू हमारे प्यार की
सांसों में भर जाये
भरे खुमार सा दिल में
जरा धड़कन ठहर जाये
आ पास आकर लगा दे
तपती अगन इक चाह की
सब जला दे
परवाह सारी भुला दे
आ इश्क को गवाह कर
आ फिर मुझे तबाह कर
गुमराह कर
आ पास आ
© Kamlesh Pandey 'शजर'
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